Khafa Shayari in Hindi: प्यार में गुस्सा या ख़फ़ा होना भी एक स्टाइल है और इन अदाओं का खेल प्रेमी-प्रेमिका के बीच लगातार खेला जाता है। कभी यह एक अच्छे अहसास के रूप में आता है तो कभी नाराजगी भारी हो जाती है। रोजमर्रा की जिंदगी में भी क्रोध एक बहुत ही मानवीय व्यवहार है।
हर किसी को अपने जीवन के किसी ना किसी मोड़ पर किसी से प्यार हो जाता है। जहाँ प्रेम है वहाँ नाराजगी भी हो जाती है कभी कभी है। अगर आप भी किसी से ख़फ़ा हैं। या किसी ख़फ़ा को मनाने की कोशिश कर रहे है। तो आपका काम आसान करने के लिए हम आपके लिए हिंदी में कुछ खफा शायरी लेकर आए हैं।
खफा शायरी
दोस्तों आज की पोस्ट में “खफा शायरी” आपको बहुत पसंद आएगी क्योंकि प्यार में सबसे ज्यादा दर्द तब होता है जब आपका प्यार गुस्से में होता है। तो अपने प्यार हो मानाने केलिए कुछ खफा शायरी उनके साथ साँझा करो। मुझे उम्मीद है कि यह लेख सभी को पसंद आएगा।
कलम ही आज शायर से खफा हो गई,
जैसे किसी जिस्म से, जान जुदा हो गई।
ना हूँ मैं बेवफ़ा, ना ही वो बेवफ़ा,
हम दोनों दुनिया की रीत से है खफ़ा।
खफा हो माना पर मान जाओ ना,
तुम जान मेरी लेलो पर यू सताओ ना।
देखेंगे एक दिन उससे खफा होकर,
अंदाज़ कैसा है उनका मनाने का।
वे मुझे भूलने के तरीके ढूंढ रहे थे,
नाराज होकर हमने उनकी मुश्किल आसान कर दी।
प्यार ने मुझे इस मोड़ पर खड़ा कर दिया है कि,
आगे बढ़ो तो सब नाराज, पीछे हटो तो बेवफा।
जैसे रूह जुदा हुई, जिंदगी बेहाल हो गई
जो कभी साथ थे वो जिंदगी अब सजा बन गई है।
इतना तो बता जाओ किस बात से खफा हो,
तुम सच में खफा हो, या दूर जाने का बहाना है।
तुम्हारे बाद किसी पर खफा नहीं हुए हम,
क्या करे अब बड़ा फर्क आ गया है हममे।
आग दिल मे लगी, जब वो खफा हो गए,
पर महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हो गए।
दिल तोड़ा मेरा कोई बात नहीं,
गलती तुम्हारी नहीं मेरी थी,
भरोसा मेने किया था तुमने नहीं।
किसी को मनाने से पहले ये जान लेना,
कि वो तुमसे नाराज है या परेशान।
मुझे ना समझ आयी कैसी सजा है ये,
गलती भी तेरी और खफ़ा भी तू है।
Khafa Shayari
रुठने का हक हैं पर वजह बताया कर,
खफा होना गलत नहीं, तू खता बताया कर।
जो प्यार का चिराग जलाया था मैंने,
उसी चिराग से जलकर मैं खाक हो गया।
मत पूछना खफा होने का सबब मुझसे,
कैसे कैसे खेले हैं क़िस्मत ने खेल मुझसे।
लोग कहते हैं कि, तू अब भी ख़फ़ा है मुझसे,
पर तेरी आँखों ने तो, कुछ और कहा है मुझसे।
अब कैसे छुपाऊ दर्द अपना, कैसे टूट गया मेरा सपना,
क्या अब कुछ भी ठीक नहीं होगा, मेरा कोई अजीज़ नहीं होगा।
जाने कौन सी कलम से खुदा ने नसीब लिखा है,
नहीं मेरी क़िस्मत में कोई हबीब लिखा है।
काश कोई मिले ऐसा जो मुझसे खफ़ा कभी ना हो,
समझे मेरे प्यार को और कभी जुदा ना हो।
साये ने साथ छोड़ दिया, यार ने दिल तोड़ दिया,
अब तो खुदा भी मेरे खिलाफ हो गया।
वो आए थे मेरा दुख-दर्द बाँटने,
मुझे खुश देखा तो ख़फ़ा होकर चल दिये।
खफा नहीं हूँ तुझसे ज़िन्दगी,
बस ज़रा सा दिल लगा बैठा हूँ उदासियों से।
दो पल की ख़ुशी मांगी थी खुदा से,
सबकी ख़ुशी मांगी थी अपनी दुआ में।
मेरे लिए जीना यह सजा हो गया,
यार मेरा मुझसे खफा हो गया।
यूँ लगा दोस्त, तेरा मुझसे खफ़ा होना,
जिस तरह फूल से खुशबू का जुदा होना।
सजा क्यों मिलती है हमेशा बेक़सूर को,
ग़म ही क्यों मिलते है ग़मो से चूर को।
काश कोई देता हमारे सवालो के जवाब,
वो पल होते बहुत ला जवाब।
चाँद का क्या कसूर, अगर रात बेवफा निकली,
कुछ पल ठहरी फिर चल निकली।
तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी ना रहेगी,
तेरे बिना हमारी जिंदगी में रोशनी ना होगी।
मेरी फितरत में नहीं है किसी से नाराज होना,
नाराज वो होतें है जिन्हें अपने आप पर गुरूर होता है।
Khud Se Khafa Shayari
लगता है आज ज़िन्दगी कुछ खफा है,
जनाब छोड़िये कौन सा पहली दफा है।
मैं खुद से ख़फ़ा हूँ लेकिन,
है इतनी इल्तेजा तुम कभी नाराज़ मत होना
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मुझे आशा है कि आपको Khafa Shayari in Hindi का यह लेख हिंदी में पसंद आया होगा। मैं कुछ समय बाद फिर से नई खफा शायरी को अपडेट करूंगा।