ज़िन्दगी में कई बार ऐसा होता है जब हम किसी के सामने ऐसा कुछ नहीं कह पाते हैं, जो हमारे दिल में होता है। इस तरह शायरी एक ऐसा माध्यम है जो चंद वाक्यों में अपनी भावनाओं को किसी तक पहुँचाने में आपकी मदद कर सकता है। तो आज में आपके लिए लाया हू बहुत ही सुन्दर दो लाइन वाली अल्फ़ाज़ शायरी।
बदमाम हो गए है हम तेरे इश्क़ में इस कदर,
अब पानी भी पियें तो लोग शराबी कहते है।
अल्फ़ाज़ शायरी
अल्फ़ाज़ का अर्थ या मतलब “कई शब्द” होता है। कभी लाइफ में आपके साथ भी हुवा होगा जब आप किसी को अपने प्यार के कुछ अल्फ़ाज़ बोलने गए होंगे, पर बोल न पाए हो और वो आपके अल्फ़ाज़ आपके दिल में ही रह गए हो। आज आप ये अल्फ़ाज़ शायरी अपने किसी की पुराने या नए प्यार को भेज सकते है।
यहाँ पर आप कुछ बहुत ही नयी और पुरानी Alfaaz Shayari पा सकते है और किसी भी चैटिंग वेबसाइट पे दाल सकते है अपनी प्यार के लिए।
सिर्फ लफ्ज़ नहीं ये दिलों की कहानी है,
हमारी शायरी ही हमारे प्यार की निशानी है।
यहा सब खामोश है कोई आवाज़ नही करता,
सच बोलकर कोई किसी को नाराज़ नही करता।
वो बदला हुआ कहता है मुझे,
जो पहले जैसा खुद नही रहा अब।
ये इश्क भी बेसबब है, हसरतें पाल लेता है,
जमीन का सफर है, और दरिया थाम लेता है।
आज फिर आप की कमी सी है,
कुछ देर ही सही पर सास थमी सी है।
छुपती फिरेंगी शर्म के मारे उदासियां,
बस इक मेरे प्यार के हंसने की देर है।
एक नया फूल खिला अफसाने में,
आज उसने मुड़ कर देख लिया अनजाने में।
इक रात वो जहाँ गया था बात रोक कर,
अब तक बैठा हूँ वही वो रात रोक कर।
शायद इश्क अब उतर रहा है सर से,
मुझे अलफ़ाज़ नहीं मिलते अब शायरी के लिए।
एक नज़र देखूं उसे कि नज़र भर देखूं उसे,
हो जाऊं बस उसका कि इस क़दर देखूं उसे।
कर लेना दिल से बस याद तुम हमको इकबार,
ये दिल आज भी करता है तुम्हारा इंतजार।
Deep Meaning
उतर के जेहन में एहसास कराती है,
सुनो ये मुझे मोहब्बत का आभास कराती है
तुम चाहे मुझसे कितनी भी दूर चले जाना,
नहीं भूलूँगा तुम्हारा उस दिन पहले बार सताना।
लफ्ज़ नहीं ये मेरे दिल की कहानी है,
मेरी शायरी ही मेरे प्यार की निशानी है।
हमने बस मोहब्बत की थी शिद्दत वाली,
उसने लफ़्ज़ों वादों के हेर-फेर में मार डाला।
इस दिल में किस किस को जगह दें,
ग़म रखें, फरियाद रखें या तेरी याद रखें।
मैं ख़ामोशी तेरे मन की, तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा,
मैं एक उलझा लम्हा, तू रूठा हुआ हालात मेरा।
इश्क़ में तुम तो सिर्फ़ रुसवा हुए हो,
मगर हम तो सरेआम तमाशा हो गए।
उठ जाता है भरोसा, तो दोबारा हो नहीं सकता,
आंसुओ की वजह बना जो, फिर तुम्हारा हो नहीं सकता।
जुदाई इश्क़ का दस्तूर क्यूँ है हम नहीं समझे,
प्यार इस क़दर मजबूर क्यूँ है हम नहीं समझे।
अकसर वो फ़ैसले मेरे हर वक़्त गलत हुए,
जिन फ़ैसलों के नीचे तेरे दस्तख़त हुए।
गुज़र चुका वक़्त उसको याद करना क्या,
बहुत हुआ ऐ इश्क़, अब तेरे लिए रोज़ मरना क्या।
हमारे ख्वाब में अक्सर, तुम्हारे अक्स आते हैं,
लब खामोश हैं लेकिन आँखे सब कुछ बताते हैं।
कशिश भी रही, कश्मकश भी रही,
आखिर में लेकिन, बस कसक ही रही।
यहा सब खामोश है कोई आवाज़ नही करता,
सच बोलकर कोई किसी को नाराज़ नही करता।
बेकार मौसम में भी रंग भर जाता था,
जब मेरा सनम छत पर नज़र आता था।
सिमट कर रह गयी गजल चंद अल्फ़ाज़ों में
जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं।
Khamosh Alfaaz
खामोश अल्फाज़ कितना कुछ कहते हैं।
अगर है असरदार तो रूह तक उतरते हैं।
प्यार के भी अलग ही फसाने हैं,
जो हमारे है नहीं, हम उनके ही दीवाने हैं।
बिता हुआ वक्त लौट कर नहीं आता
जो छोड़ गया वो लौट कर नहीं आता।
हर एक राज़ कह दिया छोटे से जवाब ने,
हमको सिखाया वक़्त ने, और आपको किताब ने।
मैं करूं अगर सामने से पहल,तो बात हो जाती है,
वरना सुबह से रात हो जाती है।
बहुत जल्दी ही हमारी बातें कम हो गई,
मिस यू पर शुरू और हेट यू पर खत्म हो गई।
Zindagi Alfaaz
ना अनपढ़ रहे, ना काबिल कभी हुए,
हम क्यों जिन्दगी के स्कूल में दाखिल हुए।
तेरे वादों की तरह प्यार भी आधा रहा,
मुलाकातें तो हुए नहीं पर इंतजार ज्यादा रहा।
प्यार में होते हुए उसके ये बात खटकती रही,
दिल उसका कहि और लगा हुवा थे और आंख मेरी छलकती रही।
दर्द भी मिटा नही, तकलीफ़ भी रह गयी,
पता नही आंसुओं के साथ क्या-क्या ले गयी।
हम दिल के बहुत सच्चे कुछ एहसास लिखते हैं,
मामूली शब्दों में ही कुछ ख़ास लिखते हैं।
अपनी दिल की धड़कनों में एक नाम लेकर आया हूं,
तुम्हारे लिए आज का मैं शाम लेकर आया हूं।
अधूरे अल्फ़ाज़ शायरी
अधूरे रह जाते है अल्फाज तेरे जिक्र के बिना,
रूह तो बस तु है, मेरी शायरी की।
कहना था कुछ उनसे जो हम कह ना पाए,
मेरे प्यार के अधूरे अल्फाज दिल में समां गए।
ये जो खामोश से अलफ़ाज़ लिखे है ना,
इसको पढ़ना कभी ध्यान से कुछ समझेगे कमाल का।
और पढ़े:
आपको मेरी लिखी हुयी अल्फ़ाज़ शायरी कैसे लगी, और नयी नयी शायरी पाने के लिए हमारे साइट पे फिर आये।
वो थे न मुझसे दूर न मै उनसे दूर था,
आता न था नज़र तो नज़र का कुसूर था
❣️✍
Nice shayari
Hey
हा. फिर से आंखें मेरी भर गई. क्योकि…..✍️
मेरी अधूरी मोहब्बत मिल गई..