Sharabi Shayari in Hindi | गमों को दूर करने वाली शराबी शायरी हिंदी

आजकल लोग अपने हर दर्द को कम करने के लिए लोग शराब का सहारा लेते हैं। ख़ुशी, गम या तन्हाई को बाँटने के लिए शराब पीते है। अगर आप भी शराब पीने का शोक रखते है और शराब शायरी ढूंढ रहे है तो आप एकदम सही जगह पर आये है। यहाँ पर मेने टूटे दिल वालो के लिए, प्यार के गम वालो के लिए, बेवफा लोगो के लिए शराब वाली शायरिया दी है आप उनको देख सकते है।

शराबी शायरी

सोचा था कुछ और लेकिन हुआ कुछ और,
इसीलिए भुलाने के लिए चले गए शराब की ओर।

Daru sharabi shayari

कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई,
आओ चलो शराब पिएँ रात हो गई।

Sharab Par Shayari

आसपास ना आया करो जब मे शराब पीता हूँ,
पता है मुझसे दुगुना नशा सँभला नही जाता।

Sharabi Logo Par Shayari

गीरी मिली एक बोतल शराब की,तो ऐसा लगा मुझे
जैसे बिखरा पड़ा था एक रात का सुकून किसी का।

Best Sharabi Shayari Hindi

एक जमाना था जब तेरी आँखों से पी कर जीते थे,
हम लाख बुरे थे लेकिन शराब कभी नहीं पीते थे।

 

कभी देखेंगे ऐ जाम तुझे होठों से लगाकर,
तू मुझमें उतरता है कि मैं तुझमें उतरता हूँ।

Sharabi Par Shayari

जाम पीने का मजा जिंदगी जीने से ज्यादा है,
अगर इसे न पिया तो,
जिंदगी जीने का मजा क्या है!

 

शराब शरीर को खत्म करती है,
शराब समाज को खत्म करती है!

 

रोक दो मेरे जनाज़े को ज़ालिमों,
मुझ में जान आ गयी है!

Sharab ke uper shayari

अभी तो इश्क़ हुआ है,
मंज़िल तो मयखाने में मिलेगी!

Sharabi Shayari Photo

मत कर हंगामा पीकर मेरी गली में,
में तो खुद बदनाम हु, तेरी मोहब्बत के नशे में!

Sharab Par Shayari

बैठे हैं दिल में ये अरमां जगाये,
के वो आज नजरों से अपनी पिलाये!

Hindi Sharabi Shayari

पीते थे शराब हम,
उसने छुड़ाई अपनी कसम देकर,
महफ़िल में गए थे हम,
यारों ने पिलाई उसकी कसम देकर!

Sharabi Dosto ki Shayari

हर शाम का साथी हैं शराब,
फिर क्यों लोग कहते हैं इसे ख़राब!

Sharabi ke upar shayari

पीने से कर चुका था मैं तौबा मगर जलील,
बादल का रंग देख के नीयत बदल गई!

Shayari Shayari Status Photo

एक शराब की बोतल दबोच रखी है,
तुजे भुलाने की तरकीब सोच रखी है!

Sharabi Sad Shayari Status
Sharabi Shayari in Hindi Text for Sad lover

साथ में दोस्त हो हाथ में जाम हो,
जिंदगी जीने का बस मज़ा ही मज़ा हो!

 

कुछ नशा तो आपकी बात का है,
कुछ नशा तो धीमी बरसात का है!

 

मदहोश कर देता है तेरे ये देखने का अंदाज़,
और लोग सोचते हैं कि हम पीते बहुत हैं!

 

कुछ सही तो कुछ खराब कहते हैं,
लोग हमें बिगड़ा हुआ नवाब कहते हैं!

 

हमें आप यूँ ही शराबी ना कहिये,
इस दिल पर असर तो आप से मुलाकात का है!

 

तेरी यादों को अपने सीने से लगा लेता हूँ,
और शाम होते ही मैं दो जाम लगा लेता हूँ!

 

थोड़ी सी पी शराब, थोड़ी उछाल दी,
कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी!

 

अब के सावन में सबका हिसाब कर दूँगा,
जिसका जो वाकी है वो भी हिसाब कर दूँगा!

 

और मुझे इस गिलास में ही कैद रख वरना,
पूरे शहर का पानी शराब कर दूँगा!

 

तुम क्या जानो शराब कैसे पिलाई जाती है,
खोलने से पहले बोतल हिलाई जाती है!

 

मयखाने बंद कर दे चाहे लाख दुनिया वाले,
लेकिन शहर में कम नही है निगाहों से पिलाने वाले!

 

तूँ डालता जा साकी शराब मेरे प्यालो में,
जब तक ‘वो’ न निकले मेरे ख्यालों से!

 

यार तो अक्सर मदिरालय मे हीं मिलते हैं,
वरना अपने तो मंदिर में भी मुँह मोड़ते हैं!

 

सुना है मोहब्बत कर ली तुमने भी,
अब किधर मिलोगे पागलखाने या मैखाने…!!

 

प्यार के नाम पे यहाँ तो लोग खून पीते हैं,
मुझे खुद पे नाज़ है की मैं सिर्फ शराब पीता हूँ!

 

शराब और मेरा कई बार ब्रेकअप हो चुका है,
पर कमबख्त हर बार मुझे मना लेती है!

 

लड़खड़ाये कदम तो गिरे उनकी बाँहों मे,
आज हमारा शराब पीना ही हमारे काम आ गया!

 

पर्दा तो होश वालों से किया जाता है हुज़ूर,
तुम बेनक़ाब चले आओ हम तो नशे में हैं!

 

मैखाने मे आऊंगा मगर पिऊंगा नही साकी,
ये शराब मेरा गम मिटाने की औकात नही रखती!

 

गम इस कदर मिला की घबरा के पी गये,
खुशी थोड़ी सी मिली तो मिला के पी गये!

 

यूँ तो ना थी जनम से पीने की आदत,
शराब को तन्हा देखा तो तरस खा के पी गये!

 

कुछ तो शराफ़त सीख ले ए-इश्क़ शराब से,
बोतल पे लिखा तो है मैं जानलेवा हूँ!

 

जब दिल टूटता है तो आँसू उनके भी निकलते हैं,
जो कहते हैं कि मर्द को दर्द नहीं होता!

 

सिगरेट के साथ बुझ गया सितारा शाम का,
मयखाने पुकारे ग्लास की उम्र होने आई है!

 

पी लिया करते हैं जीने की तमन्ना में कभी,
डगमगाना भी ज़रूरी है संभलने के लिए!

 

मैखाने से दीवानों का रिश्ता है पुराना,
दिल मिले तो मैखाना, दिल टूटे तो मैखाना!

 

गमों को दूर करने वाली शराबी शायरी

ये तो देखा कि मेरे हाथ में पैमाना है,
ये न देखा कि ग़म-ए-इश्क़ को समझाना है!

 

ख़ुद अपनी मस्ती है जिस ने मचाई है हलचल,
नशा शराब में होता तो नाचती बोतल!

 

हम तो बदनाम हुए कुछ इस कदर,
कि पानी भी पियें तो लोग शराब कहते हैं!

 

ना ज़ख्म भरे, ना शराब सहारा हुई,
ना वो वापस लौटे, ना मोहब्बत दोबारा हुई!

 

मिलावट है तेरे इश्क में इत्र और शराब की,
कभी हम महक जाते हैं कभी हम बहक जाते हैं!

 

खाली जाम लिए बैठे हो उन आँखों की बात करो,
रात बहुत है प्यास बहुत है बरसातों की बात करो!

 

मजा तो तब ही आये पीने का यारो,
शराब हम पियें और नशा उनको हो जाए!

 

ज़िन्दगी है जीने की लिए तो जिया क्यों ना जाए,
उसकी बेवफाई ने दिया मौका तो पिया क्यों ना जाए!

 

या खुदा ‘दिल’ तो तुडवा दिया तूने इश्क के चक्कर में,
कम से कम ‘लीवर’ तो संभालना दारु पीने के लिए!

 

जाम तो उनके लिए है, जिन्हें नशा नहीं होता,
हम तो दिनभर “तेरी यादों के नशे में यूँ ही डूबे रहते हैं!

 

टूटे हुए दिल के दर्द से ज्यादा कोई और दर्द नहीं होता,
आशिकों का शराब के सिवा,कोई हमदर्द नहीं होता!

 

तेरी आँखों से यूँ तो सागर भी पिए है मैंने,
तुझे क्या खबर जुदाई के दिन कैसे जिए है मैंने!

 

आओ आज इस शराब को खत्म करते हैं,
एक बोतल तुम खत्म करो, एक बोतल हम खत्म करते हैं!

 

चुप चाप चल रहे थे अपनी मंज़िल की ओर,
फिर ठेके पर नज़र पड़ी और गुमराह से हो गये हम!

 

दो लाइन वाली शराबी शायरी

तुम्हारी आँखों की तौहीन है जरा सोचो,
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है!

 

मंदिरों में हिंदू देखे मस्जिद में मुसलमान,
शाम को जब मयखाने गया तब इन्सान दिखे!

 

मोहब्बत भी उस मोड़ पे पहुंच चुकी है,
कि अब उसको प्यार से भी मेसेज करो,
तो वो पूछती है कितनी पी है!

 

हम ने मोहब्बत के नशे में आकर,
उसे खुदा बना डाला,
होश तब आया जब उस ने कहा,
कि खुदा किसी एक का नहीं होता!

 

बहकने के लिए तेरा एक ख्याल ही काफी है,
हाथो मे हो फ़िर से कोई जाम ज़रूरी तो नहीं!

 

जाम तो यू ही बदनाम है,
यारों कभी इश्क करके देखो,
या तो पीना भूल जाओगे या फिर,
पी-पी के जीना भूल जाओगे!

 

महफ़िल में इस कदर पीने का दौर था,
हमको पिलाने के लिए सबका जोर था,
पी गए हम इतनी यारो के कहने पर,
न अपना गौर था न ज़माने का गौर था!

 

रख ले 2-4 बोतल कफ़न में,
साथ बैठ कर पिया करेंगे,
जब माँगे गा हिसाब गुनाहों का,
एक पेग उसे भी दे दिया करेंगे!

 

पिलाने वाले कुछ तो पिला दिया होता,
शराब कम थी तो पानी मिला दिया होता!

 

पानी में विस्की मिलाओ तो नशा चड़ता है,
पानी में रम मिलाओ तो नशा चड़ता है,
पानी में ब्रेंड़ी मिलाओ तो नशा चड़ता है,
साला पानी में ही कुछ गड़बड़ है!

 

तन्हाई में भी कहते है लोग,
जरा महफ़िल में जिया करो,
पैमाना लेके बिठा देते है मैखाने में,
और कहते है जरा तुम कम पिया करो!

 

तोफहे में मत गुलाब लेकर आना,
मेरी कब्र पर मत चिराग लेकर आना,
बहुत प्यासा हूँ बरसो से मैं,
जब भी आना शराब लेकर आना!

 

आँखें है उनकी या है शराब का मेहखना,
देख कर जिनको हो गया हूँ मै दीवाना,
होठ है उनके या है कोई रसीला जाम,
जिनके एहसास की तम्मना मे बीती है मेरी हर शाम!

 

आज तो इस शराब ने भी अपना रंग दिखा दिया,
दो दुश्मनो को फिर से दोस्त बनवा दिया।

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